हलका फुलका बुलबुले सा लम्हा
इधर उधर आसमान में उढ़ता
मचलता नाचता रहता
अपनी ही धुन का राही था वो
प्यारी सी सुरीली सी नगमा
सुर और ताल का वो टुकड़ा
गीत और बोल गुनगुनाती
संगीत अपना सजाती थी वो
देखो आज वो छोटा सा लम्हा
आके नगमे से है मिल रहा
एक नया संसार रचाना चाहता
खुद को यादगार बनाना चाहता है वो
नगमा भी तो लम्हे को चाहती
उसमें भर के उसको मधुर बनाके
सदा बहार वाला राग रचा के
रस वाला जीवन बनाना चाहती है वो ..
उनके अनोखे संगम को देखो
जीवन के मुख्य दो अंश को देखो
हर लम्हे में नगमे को देखो
और ऐसे ही हर पल को जीके तो देखो
अतुल्य जीवन मिलेगा तुमको .....
इधर उधर आसमान में उढ़ता
मचलता नाचता रहता
अपनी ही धुन का राही था वो
प्यारी सी सुरीली सी नगमा
सुर और ताल का वो टुकड़ा
गीत और बोल गुनगुनाती
संगीत अपना सजाती थी वो
देखो आज वो छोटा सा लम्हा
आके नगमे से है मिल रहा
एक नया संसार रचाना चाहता
खुद को यादगार बनाना चाहता है वो
नगमा भी तो लम्हे को चाहती
उसमें भर के उसको मधुर बनाके
सदा बहार वाला राग रचा के
रस वाला जीवन बनाना चाहती है वो ..
उनके अनोखे संगम को देखो
जीवन के मुख्य दो अंश को देखो
हर लम्हे में नगमे को देखो
और ऐसे ही हर पल को जीके तो देखो
अतुल्य जीवन मिलेगा तुमको .....
1 comment:
interesting
nice
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