Friday, April 08, 2011

कहो ना कभी



 कहो  ना कभी की तुम मेरे साथ साथ आओगे
दिन कई मेरे संग बिताओगे
रातों में ख्वाब में भी तुम आओगे


कहो  ना कभी ऐसे भी, की मेरे संग तुम गाओगे
गीत नए धुन नयी हमारे वासते बनोगे
मेरी नज़रों के सामने नाचते ही जाओगे
मुस्कुराहटों से तुम मेरी दुनिया को भर जोगी




कहो  ना कभी की मेरे हाथों में हाथ तुम डालोगे
पैरों से पैर हर घडी मिलाओगे
हर सफ़र को ताज़ा तुम बनाओगे 
हर डगर को अपने रंगों से रंगते ही जाओगे

कहो  ना अब क्यूँ खामोश हो ?
दिलबर मेरे कहाँ मदहोश हो ?
वादा नहीं.. सिर्फ बोल दो
की सदा के लिए .. एक है हम जिस्म दो ...

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